•सिंगर बनने के लिए कौन सा विषय लें

आज के समय में संगीत एक बेहतरीन करियर विकल्प बन चुका है। गायक (Singer) बनना न सिर्फ एक सपना है, बल्कि यह एक गंभीर कला है जिसे सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत और उचित शैक्षणिक योजना के साथ पूरा किया जा सकता है। यदि आप गायक बनने का सपना देख रहे हैं तो आपको यह जानना आवश्यक है कि स्कूल या कॉलेज स्तर पर कौन-से विषय चुनने चाहिए, ताकि आप अपने सपने को साकार कर सकें।
- कला संकाय (Arts Stream) का चयन
यदि आपके स्कूल में संगीत विषय उपलब्ध नहीं है, तो आप ‘Arts’ स्ट्रीम का चयन कर सकते हैं। कला संकाय में पढ़ाई हल्की होती है, जिससे आपको संगीत का अभ्यास करने के लिए ज्यादा समय मिल सकता है। कला संकाय में इतिहास, हिंदी साहित्य, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र जैसे विषय होते हैं, जो आपकी सोच और संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं — एक अच्छे कलाकार के लिए यह बेहद जरूरी गुण हैं। - संगीत में स्नातक (Bachelor’s in Music)
12th बाद Bachelor of Performing Arts या Bachelor of Music में Addmission ले ले। ये डिग्री Course आपको Singing में तकनीकी, व्यावहारिक और सैद्धांतिक रूप से उन्नती होती है कुछ प्रमुख विश्वविद्यालय जो संगीत में डिग्री प्रदान करते हैं:
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद
दिल्ली विश्वविद्यालय
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय
इन कोर्सेस में आप अपनी गायन शैली को निखार सकते हैं और मंच पर प्रस्तुति देने का अभ्यास भी कर सकते हैं। - संगीत विद्यालयों और अकादमियों में प्रशिक्षण
शैक्षणिक पढ़ाई के साथ-साथ आपको अच्छे संगीत विद्यालय या किसी अच्छे गुरु से Private Training ले ।वहाँ आपको गायन की बारीकियों जैसे कि –
सुर साधना
रियाज की तकनीक
शास्त्रीय संगीत, उप-शास्त्रीय संगीत, भजन, ग़ज़ल, पॉप म्यूजिक आदि की विविध शैलियों का अभ्यास कराया जाता है।
भारत के प्रसिद्ध संगीत विद्यालय:
शंकर महादेवन एकेडमी
श्रीराम भारतीय कला केंद्र
केएल सहगल मेमोरियल कॉलेज - अतिरिक्त विषय जो सहायक हो सकते हैंl
गायक बनने के लिए केवल संगीत सीखना ही काफी नहीं है। कुछ अन्य विषय भी हैं जो आपकी प्रतिभा को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:
भाषा और साहित्य: हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत जैसी भाषाओं का अच्छा ज्ञान आपको गीतों को बेहतर ढंग से समझने और गाने में मदद करता है।
ड्रामा और थिएटर: मंच पर प्रस्तुति देने की कला (Stage Presence) सिखने के लिए थिएटर का ज्ञान लाभकारी होता है।
संचार कौशल Communication Skills : साक्षात्कार, मंच से बातचीत और सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाने के लिए संवाद कला भी जरूरी होती हैं।
म्यूजिक प्रोडक्शन: आज के डिजिटल युग में म्यूजिक प्रोडक्शन और साउंड इंजीनियरिंग की समझ भी आपको आत्मनिर्भर बना सकती है। - रियाज और अनुशासन
किसी भी विषय का चयन कर लेने के बाद सबसे महत्वपूर्ण बात है — निरंतर अभ्यास (रियाज)। हर सफल गायक के पीछे वर्षों का कठिन परिश्रम और रियाज होता है। आप रोजाना कम से कम 2–3 घंटे सुर, लय और ताल की अभ्यास करे।सुरों की शुद्धता, गले की मजबूती और भावनाओं की अभिव्यक्ति का अभ्यास लगातार करना जरूरी है। - प्रतियोगिताओं और मंच का अनुभव
स्कूल, कॉलेज और अन्य मंचों पर होने वाली गायन प्रतियोगिताओं में भाग लेना चाहिए। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है, मंच का डर खत्म होता है और प्रदर्शन में निखार आता है। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, इंस्टाग्राम आदि पर अपने गायन वीडियो डालने से भी पहचान बनने का अवसर मिलता है।
Singing course
सिंगिंग का कोर्स आमतौर पर 3 साल का होता है। इसे बैचलर डिग्री के रूप में किया जाता है, जैसे कि “बैचलर ऑफ म्यूजिक” या “परफॉर्मिंग आर्ट्स में स्नातक”। इसके बाद अगर कोई आगे पढ़ना चाहे तो 2 साल का मास्टर डिग्री कोर्स भी कर सकता है। कुछ छोटे सर्टिफिकेट कोर्स भी होते हैं, जो 6 महीने से 1 साल के बीच पूरे हो जाते हैं। अगर आप किसी Music Academy में जाते हैं तो वहाँ के short term कोर्स 3 महीने, 6 महीने या 1 साल के होते हैं।
•Conclusions
गायक बनने के लिए सबसे जरूरी है — सही दिशा में निरंतर प्रयास और समर्पण। पढ़ाई में संगीत को विषय के रूप में चुनना एक ठोस आधार बनाता है, लेकिन साथ ही रियाज, प्रदर्शन का अनुभव और आत्मविश्वास भी उतना ही आवश्यक है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए कठिन परिश्रम करें, अपने भीतर के कलाकार को संवारे और हमेशा सीखने के लिए तैयार रहें। एक दिन आपकी आवाज़ भी लाखों दिलों तक पहुंचेगी और आपका सपना सच होगा।
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